गढ़वाल मंडल

देहरादून: बनाई गई अनोखी पुस्तकें जिनमें नहीं एक भी शब्द… इस तरह करेंगी काम

देहरादून: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) देहरादून ने तीन से छह साल के बच्चों के लिए शब्द रहित पुस्तकों का माडल तैयार किया है। इन पुस्तकों में एक भी शब्द नहीं है। केवल रंगीन चित्रों के सहारे बच्चों को किसी विषय का ज्ञान दिए जाने का अभिनव प्रयास किया गया है। छह पुस्तकों को तैयार करने में डायट के शिक्षकों ने स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी), रूम टू रीड का सहयोग लिया है। शिक्षा विभाग इन पुस्तकों को मान्यता देता है तो अगले वर्ष यह प्रदेशभर की बाल वाटिका में लागू कर दी जाएंगी।

इन अनोखी पुस्तकों में कहानियां और चित्रांकन में शिक्षकों, लेखकों और चित्रकारों ने अपना योगदान दिया है। डायट के वरिष्ठ शिक्षक व पुस्तक तैयार करने के समन्वयक विजय सिंह रावत ने बताया कि बुनियादी स्तर पर नौनिहालों में साहित्य ज्ञान का बहुत अभाव है। यह पुस्तकें अपने आप में एक अनोखा प्रयास है। जिससे तीन से छह साल के बच्चों के पास गुणवत्ता पूर्ण साहित्य उपलब्ध होगा। नन्हें बच्चे किताबों को पढ़ने में रुचि नहीं लेते हैं। यदि उनके समक्ष खिलौने रख दें तो वह इसके प्रति आकर्षित होते हैं और खेलने लगते हैं।

शब्द रहित पुस्तकों में यही प्रयास किया गया है कि रंगीन चित्रकारी के माध्यम से नौनिहालों को वस्तु, व्यक्ति और स्थान का ज्ञान हो। उन्हें किताबें बोझ न लगे और वह इस चित्रों के प्रति आकर्षित हों। पुस्तकों में मकान, घर के अंदर परिवार, अनेक फल, गिलहारी, बंदर, बिल्ली, हाथी, गाय, नदी, पहाड़, सूर्योदय, पेड़, चंद्रमा, गेंद आदि चित्र बनाए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button