UKSSSC पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड मूसा भागा नेपाल,कई सालों से कर था नौकरियों की सौदेबाजी

देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले में एसटीएफ लगातार दोषियों को पकड़ रहा है। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उत्तर प्रदेश के जिस नकल माफिया सैयद सादिक मूसा का नाम मुख्य आरोपित के रूप में सामने आ रहा है, एसटीएफ से जुड़े सूत्रों की मानें तो वह वर्ष 2012 से उत्तराखंड में इस गोरखधंधे में सक्रिय है।
मूसा उत्तर प्रदेश के धामपुर और लखनऊ में बैठकर अपने गिरोह की मदद से उत्तराखंड में पेपर लीक करवा रहा था। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी और बीते 10 वर्षों में मूसा ने उत्तराखंड में बाकायदा अपनी टीम तैयार कर ली।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पेपर लीक प्रकरण में पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका केंद्रपाल, मूसा का बेहद करीबी है। दोनों ने आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस प्रा. लि. के मालिक राजेश चौहान के साथ मिलकर वर्ष 2012 में उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की सौदेबाजी शुरू की थी। मूसा और केंद्रपाल करोड़ों रुपये में राजेश चौहान से पेपर लीक करने की डील करते थे।
पेपर हाथ में आने के बाद वह कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में अपने गुर्गों के माध्यम से अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाते थे। इसके लिए हर अभ्यर्थी से लाखों रुपये लिए जाते थे। आरोपितों ने गढ़वाल और कुमाऊं में अलग-अलग टीम तैयार कर रखी थी। मूसा के गिरोह में हाकम सिंह, शशिकांत और चंदन मनराल जैसे कई गुर्गे शामिल थे।
पहले तो एसटीएफ छोटे-मोटे गुर्गों को ही इस गिरोह का मास्टरमाइंड बता रही थी। जैसे-जैसे गिरफ्तारियों का आंकड़ा बढ़ा तो मास्टरमाइंड बदलने लगे। धामपुर (उप्र) निवासी केंद्रपाल के गिरफ्त में आने के बाद एसटीएफ को पता चला कि इस गिरोह का संचालन सादिक मूसा कर रहा था। एसटीएफ मूसा तक पहुंचती, इससे पहले ही वह नेपाल भाग गया।