देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन उग्र, पर्यटन मंत्री का फूंका पुतला
देवस्थानम बोर्ड विस्तार को लेकर तीर्थ पुरोहितों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को केदनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने अपने मूल गांव लमगौंणी में देवस्थानम बोर्ड को स्थगित करने की मांग पर सरकार का पुतला फूककर विरोध जताया. तीर्थ पुरोहितों ने शीघ्र देवस्थानम बोर्ड को स्थगित न किये जाने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
केदरनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित अजय जुगरान और क्षेत्र पंचायत सदस्य दुर्गेश वाजपेई का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से देवस्थान बोर्ड पर पुर्नविचार का आश्वासन दिया गया था. जिस पर तीर्थ पुरोहितों में सराकर राय सुमारी कर बोर्ड के लेकर निर्णय लेने की आस जगी थी. लेकिन अब सरकार की ओर से बिना तीर्थ पुरोहित से वार्ता किये बोर्ड विस्तार कर दिया गया है. जिससे चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड स्थगित नहीं किया जाता तो वे उग्र बाध्य होंगे. ग्राम प्रधान खिलेश सजवाण, आकाश जुगरान, संजय पोस्ती, अंजुल जुगरान आदि मौजूद थे.
लमगौंणी गांव श्रीनिवास पोस्ती का है मूल गांव सरकार की ओर देवस्थानम बोर्ड को विस्तार करते हुए राज्य के चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और दो उद्योगपतियों को शामिल करते हुए बोर्ड का विस्तार किया गया है. जिनमें से लमगौंणी गांव निवासी श्रीनिवास पोस्ती को भी बोर्ड में सदस्य बनाया गया है. ऐसे में उनके गांव में देवस्थानम बोर्ड के विरोध को देखते हुए सरकार की ओर से बनाये गये देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी अंदाजा लगाया जा सकता है.