RTI में खुलासा, उत्तराखंड के 44 विधायकों ने विधानसभा में नहीं दिया अपनी संपत्ति का ब्यौरा
देहरादून: आरटीआई में एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल मुख्यमंत्री धामी समेत 44 विधायकों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट नदीम उद्दीन ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ये जानकारी हासिल की। विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी की ओर से यह सूचना उपलब्ध कराई गई है।
बता दें कि नियमानुसार माननीयों को विधानसभा में अपनी संपत्ति का ब्योरा हर साल देना जरूरी होता है। विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी/उपसचिव (लेखा) हेम चन्द्र पंत की ओर से सूचना उपलब्ध कराई गई है। इस लिस्ट में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, रेखा आर्य, बंशीधर भगत, यतीश्वरानंद व बिशन सिंह चुफाल के नाम शामिल हैं।
एडवोकेट नदीम उद्दीन ने जानकारी दी और बताया कि नियमों के मुताबिक मंत्रियों और विधायकों को नियुक्त या निर्वाचित होने के तीन माह के भीतर विधानसभा सचिव को अपनी संपत्ति दायित्वों का विवरण देना होता है। हर साल 30 जून तक पिछले साल की संपत्ति प्राप्ति, खर्च व दायित्वों का विवरण देना होता है। इसे आम जनता के साथ पारदर्शिता बनाने के लिए प्रकाशित किया जाता है।
प्रीतम सिंह, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, राजकुमार, सुरेन्द्र सिंह नेगी, मनोज रावत, विनोद कंडारी, विजय सिंह पंवार, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव सिंह पुंडीर, स्व. हरबंस कपूर, आदेश चौहान, सुरेश राठौर, ममता राकेश, देशराज कर्णवाल, फुरकान अहमद, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, काजी मो. निजामुद्दीन, संजय गुप्ता, ऋतु भूषण खंडूड़ी, दलीप सिंह रावत, हरीश सिंह, मीना गंगोला, महेश सिंह नेगी, करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, राम सिंह कैड़ा, दीवान सिंह बिष्ट, आदेश सिंह चौहान, राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, सौरभ बहुगुणा, प्रेम सिंह, मुन्नी देवी शाह, चन्द्र पंत, महेश सिंह जीना।
इसके अलावा प्रेमचन्द्र अग्रवाल, केदार सिंह रावत, गणेश जोशी, बलवंत सिंह भौर्याल, सतपाल महाराज, विनोद चमोली, हरभजन सिंह चीमा, खजान दास, धन सिंह रावत, चन्दन राम दास, भरत सिंह चौधरी, मदन कौशिक, महेंद्र भट्ट, पूरन सिंह फर्त्याल, कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह पंवार, रघुनाथ सिंह चौहान, संजीव आर्य, हरक सिंह रावत ने अपनी संपत्ति का प्रथम अनुसूची का विवरण तो दिया है लेकिन द्वितीय अनुसूची का संपत्ति अर्जन और व्ययन का वार्षिक विवरण नहीं दिया है।