बड़ी खबर: उत्तराखंड की इस जेल से चल रहा था चरस-गांजे का धंधा, ऐसे हुआ खुलासा
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अल्मोड़ा: अल्मोड़ा जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। स्पेशल टास्क फोर्स ने छापेमारी की कार्रवाई कर जेल में बंद दो कैदियों के पास से एक मोबाइल, एक सिम, एक फोन और 24 हजार रुपए की नकदी बरामद की है। दोनों जेल के अंदर से चरस, गांजे आदि नशे का कारोबार चला रहे थे।
सुरक्षित माने जाने वाली जेल अब कुख्यात अपराधियों के लिए संगठित गिरोह चलाने की मुफीद जगह बनने लगी है। जेल के अंदर से बैठकर रंगदारी, हत्या के षडयंत्र को तो अंजाम दिया ही जा रहा था। अब चरस का खेल भी चलने लगा है। मोबाइल फोनों के जरिए चरस का कारोबार चला रहे गिरोहों का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है।
मंगलवार को एसटीएफ व पुलिस ने जेल में छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान जेल में बंद हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात बदमाश महिपाल और चरस में मामले में बंद अंकित बिष्ट के पास से एक मोबाइल, एक सिम, एअर फोन और 25 हजार रुपए की नकदी बरामद हुई। यह लोग जेल में बैठकर मोबाइल के जरिए चरस, गांजें का धंधा चला रहे थे।
अंकित बिष्ट बागेश्वर का रहने वाला है। कुछ समय पहले वह चरस के एक मामले में पकड़ा गया था और उसे अल्मोड़ा जेल में रखा गया था। जेल में ही उसकी कुख्यात बदमाश महिपाल से मुलाकात हुई। दोनों मिलकर चरस के धंधे को बखूबी अंजाम दे रहे थे। एसटीएफ पूरे मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। अभी पूरे मामले की जांच चल रही है।
जेल से महिपाल और अंकित आनलाइन तरीके से नशे का काराेबार चला रहे थे। यह फोन पर ही माल का डिमांड के साथ उसको ठिकाने लगाने का काम भी करते थे। पैसा आनलाइन ट्रांसजक्शन होता था। इनके पास जेल में कौन पैसे पहुंचा रहा था इसकी भी जांच की जा रही हे।
जेल में एसटीएफ की एक साल में यह चौथी छापेमारी है। अब तक वह जेल के अंदर से चल रहे रंगदारी से लेकर चरस के खेल के नेटवर्क का पर्दाफाश कर चुकी है।