सावन के महीने बिना भक्तों के सुनसान हुई केदारपुरी
देवभूमि के पहाडों में भगवान शिव का पवित्र सावन माह शुरू हो गया है। सावन संक्राति से भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। दो साल पहले की बात की जाय तो विश्व विख्यात केदारनाथ धाम सावन माह में भक्तों से भरा रहता था, लेकिन कोरोना के कारण यात्रा स्थगित होने से मंदिर परिसर में वीरानी छाई हुई है। धाम में दूर-दूर तक एक भी भक्त नहीं दिखाई दे रहा है। इस सावन माह में विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन कोरोना के कारण यात्रा स्थगित होने से बाबा की नगरी में सन्नाटा पसरा हुआ है। दूसरी बार ऐसा हो रहा है कि सावन माह में भक्त बाबा केदार का जलाभिषेक नहीं कर पा रहे हैं। वर्ष 2020 में भले ही इस समय यात्रा स्थानीय लोगों के लिये यात्रा खोल दी गई थी, लेकिन इस बार अभी तक स्थानीय लोगों के लिये भी यात्रा नहीं खुल पाई है। बाबा केदार के भक्त यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। सावन माह में बाबा केदार का जलाभिषेक करने के लिये भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं, लेकिन इस बार यात्रा बंद होने से भक्त नहीं पहुंच पा रहे हैं।
केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोेहित संजय तिवारी एवं नवीन शुक्ला ने बताया कि पहाड़ में सावन माह शुरू हो गया है। सावन संक्राति से सावन की पूजा शुरू हो गई है। दो वर्ष पहले तक बाबा केदार के मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती थी, लेकिन कोरोना के कारण यात्रा बंद होने से भक्त नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर केदारनाथ में चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहितों का आंदोलन 35वें दिन भी जारी रहा। मंदिर परिसर में धरना देते हुए तीर्थपुरोहितों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आचार्य संजय तिवारी के नेतृत्व में तीर्थपुरोहितों ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के विरोध के लिए आंदोलन को नई रूपरेखा के साथ तेज कर दिया गया है। अब, केदारघाटी के बाजारों व कस्बों में समय-समय पर रैली का आयोजन कर धरना दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार पर केदारनाथ समेत चारधाम के तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि आपदा के बाद राज्य व केंद्र सरकार द्वारा केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन प्रभावितों की सुध नहीं ली गई है। कहा कि मास्टर प्लान और देवस्थानम बोर्ड उन्हें किसी भी स्थिति में मंजूर नहीं है।