समाजसेवी वाई पी भारद्वाज को भावभीनी श्रद्धांजलि

देहरादून: वरिष्ठ समाजसेवी वाई पी भारद्वाज को आज भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए समाज के लिए उनके कार्यों को सराहा गया। वक्ताओं ने कहा कि भारद्वाज ने समाज में बड़े बदलाव लाने में एक अहमतरीन भूमिका निभाई।
तेग बहादुर रोड पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रकांड विद्वान आचार्य राम लखन गैरोला ने कहा कि भारद्वाज सही मायने में कर्मयोगी थे, उन्होंने जीवन पर्यंत गरीब और असहाय लोगों की मदद की। पृथ्वी पर संत की तरह जीवन यापन करने वाले ऐसे लोग शरीर छोड़ने के बाद सीधे मोक्ष को प्राप्त होते हैं। मेरठ से आये प्रकाशक अमरीश शर्मा ने स्वर्गीय भारद्वाज के जीवन वृत्त और उनके सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला। अमरीश शर्मा ने अपनी कविता के जरिये उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की – जीवन भर भावों में आकर अटल मंत्र देते पाओगे, जब मन नयनों से देखेंगे, सुगम राह दिखला जाओगे… आप बहुत आओगे…।
सभा में डॉ सुभाष गुप्ता ने कहा कि स्वर्गीय वाई पी भारद्वाज वर्षों से आर्थिक कारणों से पढ़ायी छोड़ने को मजबूर गरीब बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था कर रहे थे। ऐसे तमाम बच्चे उच्च शिक्षा पाकर अब खुशियों से भरी जिंदगी बसर कर रहे हैं। इसके अलावा भारद्वाज ने समाज में एक बहुत बड़े बदलाव का भी आगाज किया है। उन्होंने ऐसे संस्कार दिए कि पुत्री को पुत्र से हेय मानने वालों की सोच भी बदली है। उनसे मिले संस्कारों की बदौलत उनकी पुत्री राखी घनशाला ने सेवा और प्रेम के जरिये खुद को बीसों बेटों से बेहतर साबित करके एक ऐसी मिसाल दी है कि लोगों की बेटियों के बारे में सोच बदल गई है। यह सदियों से चली आ रही कुप्रथा के खिलाफ एक बड़ा कदम है।
स्वर्गीय भारद्वाज के छोटे दामाद डॉ कमल घनशाला ने सांत्वना के जरिये सम्बल देने वालों का आभार व्यक्त किया। संचालन आदित्य अग्निहोत्री ने किया। श्रद्धांजलि सभा में मौन रखकर स्वर्गीय वाई पी भारद्वाज की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। सभा में यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ दुर्गेश पंत, ग्राफिक एऱा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जसोला, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ जे कुमार, ग्राफिक एरा मेडिकल के निदेशक डॉ पुनीत त्यागी, सीए वीरेंद्र कालरा, सीए रविंद्र खंडूजा समेत शिक्षा, चिकित्सा व विज्ञान क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियां और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।