कांग्रेस ने किया यूपी के पूर्व सीएम बहुगुणा को याद

हिमपुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा की 32 वीं पुण्य तिथि के अवसर पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने स्वर्गीय बहुगुणा की बहुगुणा काम्प्लेक्स में स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया व तत्पश्चात बल्लीवाला चौक कालिंदी एनक्लेव में पार्टी के कैम्प कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री धस्माना ने स्वर्गीय एचएन बहुगुणा को एक दूर दृष्टि वाला सच्चा धर्मनिरपेक्ष नेता बताया । उन्होंने कहा कि बहुगुणा जी का व्यक्तित्व महात्मा गांधी व नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के व्यक्तित्वों का मिश्रण था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की धर्मनिरपेक्ष सोच व नेताजी के संघर्ष का जज्बा दोनों की झलक बहुगुणा जी के व्यक्तित्व में मिलती है। उन्होंने कहा कि बहुगुणा जी ने पूरे जीवन कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया चाहे वो स्वतंत्रता का दौर रहा हो या आजाद भारत में राजनीति का उनका सफर। श्री धस्माना ने कहा कि आजादी के आंदोलन के दौरान जब वो जेल गए तो इलाहाबाद के कलेक्टर ने उनके पिता को उनके पास भेजा कि एचएन बहुगुणा से माफी नामा लिखवा दो तो वे रिहा हो जाएंगे इस पर श्री बहुगुणा ने अपने पिता को कहा कि मैं मर जाऊंगा लेकिन अंग्रेजों से माफी नहीं मांगूंगा। श्री धस्माना ने कहा कि 1980 में जब वे कांग्रेस के मुख्य महासचिव थे और इंदिरा जी से उनके मतभेद हुए और उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र दिया तो उन्होंने सैद्धांतिक रूप से सांसद की सदस्यता से भी यह कहते हुए त्यागपत्र दे दिया कि मैं जिस पार्टी के टिकट पर चुन कर आया हूँ जब उस पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया तो उसके टिकट पर चुन कर आई सीट पर क्यों सांसद रहूं और वे देश के पहले सांसद बन गए जिन्होंने पार्टी के साथ साथ संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया।